Technicial Analysis in Hindi : तकनीकी विश्लेषण क्या हैं और कैसे करें

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Technicial analysis in Hindi : टेक्निकल एनालिसिस एक इन्वेस्ट विश्लेषण तकनीक है जिसमें कीमत के संभावित फ्यूचर के रूझानों की भविष्यवाणी करने के लिए एसेट के पिछले कीमत तथा रूझानों का अध्ययन करते हैं। यह ऐतिहासिक बहुत जानकारी का यूज़ करके आने वाले फ्यूचर का अनुमान लगाने की कोशिश करता है, ताकि ट्रेडर संभावित रूझानों का बहुत इस्तेमाल कर मुनाफ़ा कमा सकें। 

जैसा कि आप देख सकते हैं कि इस टेक्निकल का मुख्य उद्देश्य ऐतिहासिक कीमत रूझानों का एनालिसिस करके फ्यूचर की प्राइस के रूझान का अनुमान लगाना है। यह दृष्टिकोण फंडामेंटल एनालिसिस से बहुत अलग है,

जो हर दिशा से इन्वेस्ट का मूल्यांकन करने तथा एक एसेट को प्रभावित करने वाले मात्रात्ममक और गुणात्मक कारकों का विश्लेषण करने पर केंद्रित है। वास्तव में यह अंतर ही स्टॉक्स एवं दूसरे एसेट के Technicial Analysis को बहुमुखी बनाता है।

Technicial Analysis in Hindi

What is Technicial Analysis

स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयर के ऐतिहासिक चार्ट पैटर्न का यूज़ करके स्टॉक के एनालिसिस का एक तरीका है। इस एनालिसिस की विधि मुख्य रूप से इक्विटी से जुड़ी है और लेकिन कुछ अलग-अलग प्रकार की प्रतिभूतियों के लिए भी इसका यूज़ किया जा सकता है।

दूसरे शब्दों में, टेक्निकल एनालिसिस का मतलब है कि, चार्ट तथा वॉल्यूम के पिछले रुझानों को समझ कर एवं अन्य तकनीकी संकेतकों का यूज़ करके स्टॉक कीमत के व्यवहार की भविष्यवाणी करना है एवं फ्यूचर में इसमें होने वाली हलचल का एड्रेस करना है। आमतौर पर इसे शार्ट-र्टम ट्रेडर्स द्वारा यूज़ किया जाता है जो शेयर की प्रिंसेस में पैटर्न देखकर बहुत जल्दी पैसा बनाना चाहते हैं।

वे कमपनीज़ के हालत से चिंता नहीं करते हैं और इसमें इन्वेस्ट करने से पहले कमपनीज़ के मूलभूत सिद्धांतों को जानने में रुचि नहीं रखते हैं। टेक्निकल एनालिसिस चार्ल्स हेनरी डॉव के सिद्धांतों से विकसित हुआ, जिन्हें टेक्निकल एनालिसिसके पिता के रूप में जाना जाता है।

फंडामेंटल बनाम तकनीक विश्लेषण

टेक्निकल एनालिसिस में ऐतिहासिक आंकड़ों पर बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाता है। तकनीक विश्लेषण में ऐतिहासिक कीमत तथा वॉल्यूम के आंकड़ों के आधार पर स्टॉक के ट्रेंड का मूल्यांकन कर सकते हैं। .

वहीं Fundamental Analysis में कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट, बिजनेस मॉडल और मैनेजमेंट कैपबिलिट्स इत्यादि का अध्ययन करना पड़ता है।  fundamental analysis करने का सबसे बड़ा मकसद किसी भी Company में लंबे टाइम के लिए Investment करने के लिए पहले से अनुमान लगा सकते है।

शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर्स अथवा ट्रेडर्स के लिए टेक्निकल एनालिसिस एवं लंबे टाइम के इन्वेस्टर्स के लिए Fundamental Analysis बेहतर माना जाता है। कीमत तथा वॉल्यूम के माध्यम से आप लॉन्ग टर्म के लिए एंट्री एवं एग्जिस्ट का सही तरीके से निर्णय ले सकते है। तकनीक विश्लेषण आपको लॉग टर्म में इन्वेस्ट करने में भी सहायतागार साबित होता है। वहीं शॉर्ट टर्म के लिए इन्वेस्ट करने के लिए सिर्फ तकनीक विश्लेषण का स्टडी कर सकते हैं। चलिए अब तकनीक विश्लेषण से जुड़े कुछ और भी बेसिक के बारे में जान लेते है।

Fundamental Analysis

आप एक ही रेसिपी से दो अलग -अलग व्यंजन बनाकर, अलग अलग स्वाद की बहुत काम उम्मीद नहीं कर सकते। दूसरे शब्दों में, हर बार हम आप नया व्यंजन बनाते हैं तो आपको अलग सामग्री का यूज़ करने तथा इसके लिए अलग विधि का पालन करने की बहुत आवश्यकता होती है।

Fundamental Analysis कुछ ऐसा ही है। जैसे, हर एसेट के Fundamental पूरी तरह से अलग होते हैं, इसलिए उन मूल स्थायी सिद्धांतों के एनालिसिस के की प्रक्रिया भी हर इन्वेस्ट ऑप्शन के लिए बदलती है। उदाहरण के तौर पर, हमने पहले के एक मॉड्यूल में देखा कि इक्विटी स्टॉक्स का Fundamental Analysis करने के लिए आपको उद्योग का मूल्यांकन करने, Company का आकलन करने एवं फिर उसके Fundamental का Analysis करने के बाद स्टॉक के कीमत पर पहुँचना होता है। अब अगर आप एक अलग एसेट, जैसे कृषि उत्पाद का Fundamental Analysis कर रहे हैं, तो ये दृष्टिकोण उस पर कार्य नहीं करेगा।

ऐसी स्थिति में आपको अलग पहलुओं पर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत होगी, जैसे मौसम का पैटर्न, फसल चक्र, उसकी मांग एवं आपूर्ति। अब एक गैर-कृषि उत्पाद के फंडामेंटल, फसल के लिए अध्ययन किए गए Fundamental से अलग होंगे।

लेकिन Technicial Analysis में यह बहुत आसान है। एनालिसिस की केंद्रीय धारणा एक ही रहती है, इससे कोई कुछ फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह के एसेट का कोई मूल्यांकन कर रहे हैं। यह काफी हद तक मोटर साईकिल चलाने जैसा है। एक बार जब आप एक तरह की मोटर साईकिल चलाना सीख जाते हैं तो हम आप व्यावहारिक रूप से किसी भी मोटर साईकिल की सवारी कर सकते हैं। इसमें कुछ छोटे-मोटे बहुत बदलाव हो सकते हैं, आप लेकिन तकनीक बहुत हद तक समान ही रहते हैं।

इसी तरह Technicial Analysis और जिसे आप जब एक बार सीख लेते हैं, तो इसे किसी भी प्रकार के एसेट पर आसानी से बहुत लागू किया जा सकता है। सभी एसेट के  लिए डाटा का वर्ग काफी बहुत हद तक समान ही रहता है, हाई कीमत पॉइंट, लो कीमत पॉइंट व्यापार किए गए एसेट की बहुत काम मात्रा आदि। यही कारण है कि टेक्निकल विश्लेषण एक बहुमुखी इन्वेस्ट विश्लेषण तकनीक है जिसे विभिन्न प्रकार के एसेट्स पर बहुत लागू किया जा सकता है।

प्रिंसेस रूझानों पर चलती हैं

तकनीकी विश्लेषण के संबंध में हम जिन कीमत रूझानों की बात करते रहते हैं और वो कोई अनियमित रूझान नहीं है, कम से कम तकनीकी विश्लेषण तो यही मानता है। इसके अनुसार और कीमत परिवर्तन हमेशा एक निर्धारित रुझान पर अथवा एक सेट पैटर्न पर चलता है, चाहे वो बुलिश या तेज़ी (ऊपर की ओर) का हो या बेयरिश या मंदी (नीचे की ओर )का। ऐसे पैटर्न को टाइम के साथ पहचाना जा सकता है। एक बार प्राइस के रुझान स्थापित हो जाएं, तो स्टॉक तथा अन्य एसेट्स का तकनीकी विश्लेषण यह मानता है कि एसेट उसी दिशा में चलता रहेगा हैं

ये ट्रेंड अथवा रुझान, प्रकृति के आधार पर छोटी, मीडियम अथवा लंबी अवधि के हो सकते हैं। अगर तुम शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो आपको छोटी-अवधि के Trade चार्ट को देखने की बहुत आवश्यकता होगी जो प्रति घंटा अथवा मिनट-दर-मिनट के रूझानों को प्लॉट करता है। दूसरी ओर तथा अगर आप एक लॉन्ग टर्म Trader हैं तो आपके लिए साप्ताहिक अथवा मासिक चार्ट बहुत अधिक उपयोगी साबित होगा। 

हिस्ट्री खुद को दोहराता है

यह शायद तकनीकी विश्लेषण की सबसे मौलिक धारणा है। यह बहुत तकनीक मानती है कि कीमत रुझान टाइम के साथ बहुत खुद को दोहराते है, क्योंकि मानव व्यवहार का एक निर्धारित तौर  पर ही कार्य करता है। एक्साम्प्ले के तौर पर, जब मार्केट में तेज़ी होती है एवं स्टॉक की प्रिंसेस बढ़ रही होती हैं , तब भी ट्रेडर ऊँची प्रिंसेस के बावजूद खरीदारी करते हैं, क्योंकि वो मानते हैं कि कीमत आगे भी बढ़ते रहेंगे, एवं वो अभी स्टॉक खरीदकर उस बढ़ोतरी का लाभ उठा सकते हैं। इसी तरह मंदी के मार्केट में लोग गिरती प्रिंसेस के बावजूद अपने एसेट्स बेचते हैं।

क्योंकि हर बार मानव व्यवहार इसी तरह कार्य करता है, इसलिए कीमतों के रुझान भी हमेशा समान ही रहते हैं। तथा इस धारणा के आधार पर तकनीकी विश्लेषणअतीत की कीमतों के पैटर्न का अध्ययन करता है ताकि, यह अनुमान लगाया जा सके कि फ्यूचर के रुझान किस तरह कार्य करेंगे। 

तकनीकी विश्लेषण कैसे करें

तकनीकी विश्लेषण के इस विषय को फिनिश करने से पहले आइए |

  • डॉव के सभी तीन इन्वेस्ट सिद्धांतों के बारे में स्पष्ट रूप से समझें।
  • एक छोटी अवधि के लिए परिणामों की बहुत तलाश करने की कोशिश करें।
  • शेयर के रुझानों को समझने की कोशिश करें।
  • समर्थन तथा प्रतिरोध का एक विचार प्रदान करें।
  • बाजार में Trade वॉल्यूम के बारे में जानें।
  • मूविंग एवरेज विधि का यूज़ करके प्रवृत्ति का समग्र विचार प्रदान करें।
  • संकेतक तथा ऑसीलेटर का प्रयोग करें जो कि प्रिंसेस की गति का समर्थन करते हैं वह आपको खरीदने तथा बेचने के आपके फैसला लेने में सहायता करेंगे।

Canclusion

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इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…

Posted By Saurabh Yadav

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प्रश्न : टेक्निकल एनालिसिस कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर : टेक्निकल एनालिसिस के दो प्रमुख प्रकार चार्ट पैटर्न तथा टेक्निकल संकेतक हैं। चार्ट पैटर्न टेक्निकल एनालिसिस का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां टेक्निकल विशिष्ट पैटर्न को देखकर चार्ट पर समर्थन तथा प्रतिरोध एरिया की पहचान करने का बहुत प्रयास करते हैं

प्रश्न : टेक्निकल एनालिसिस से क्या तात्पर्य है?

उत्तर : तकनीकी विश्लेषण तथा टेक्निकल एनालिसिस (अंग्रेज़ी: Technical analysis,) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे स्टॉक आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी मदद से फ्यूचर में इनके प्रिंसेस के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है।

प्रश्न : टेक्निकल एनालिसिस से आप क्या समझते हैं टेक्निकल एनालिसिस में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के चार्ट क्या हैं?

उत्तर : टेक्निकल एनालिसिस का मतलब होता है शेयर के बहुत भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके फ्यूचर के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। टेक्निकल एनालिसिस का मतलब होता है शेयर के बहुत भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके फ्यूचर के उतार-चढ़ाव की बहुत जानकारी पता करना।

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