What is Share Market in Hindi | शेयर मार्केट क्या है और कैसे करें शेयर बाजार में निवेश

What is Share Market in Hindi : अक्सर हमारे सामने बहुत अरबपतियों की लिस्ट आती रहती है। उन्हें सबको अरबपति इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनकी शेयर होल्डिंग की वैल्यू अरबों में है। जेफ बेजॉस से लेकर बिल गेट्स तथा ईलॉन मस्क, जितने भी अरबपति में पहने सूची मैं हैं, उनकी वेल्थ का अधिकांश हिस्सा उनकी अपनी कंपनियों अथवा दूसरी लिस्टेड कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी के रूप में है।

शेयर्स कहें अथवा इक्विटी कहें, यह उसे जारी करने वाली Company का एक हिस्सा होता है। इसे आपने खरीद लिया यानी उस कंपनी के एसेट्स में आपकी एक खास हिस्सेदारी हो गई। तथा जब कंपनियों का कारोबार बढ़ता है, उनका लाभ बढ़ता है तो जाहिर है कि उनके स्टॉक्स की वैल्यू बढ़ती है तथा इसके साथ ही निवेशक मालामाल हो जाते हैं।

क्या आपने भी अभी तक स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट नहीं किया है. अगर स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो वर्ष 2022 शुरुआत के लिए अच्छा समय हो सकता है. क्यों तथा कैसे हो सकता है ये जानना जरूरी है. पिछले वर्ष आपने भी देखा- सुना होगा कि स्टॉक मार्किट ने जोरदार वापस दिया. वहीं आपने सुना होगा कि वर्ष 2020 में स्टॉक मार्किट बहुत ज्यादा गिरा था. स्टॉक मार्केट ने अपनी गिरावट को जल्द ही रिकवर कर लिया. साथ ही NIFTY ने बीते वर्ष 20 फीसदी से ज्यादा का वापस दिया.

इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित किया कि अगर आप अच्छी कंपनी के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते हैं तो लॉन्ग टर्म में ये अच्छा वापस देते हैं. साथ ही बीते वर्ष ने ये भी बताया कि स्टॉक मार्केट का रास्ता एक तरफा नहीं होता, ये गिरता चढ़ता रहता है. लिहाजा मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए.

मार्केट में बिना सोचे समझे इन्वेस्ट करने की बजाय योजना बनाकर इन्वेस्ट करना चाहिए. अगर आपने भी अभी तक बाजार में इन्वेस्ट नहीं किया है तो यह वर्ष आपके लिए शुरुआत के लिए अच्छा वर्ष हो सकता है. आइए हम आपको यहां बताते हैं कि अगर आप बाजार में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं किन रणनीतियों को अपनाना होगा.

What is Share Market in Hindi

स्टॉक्स में इन्वेस्ट क्यों करें

इस सवाल का सबसे बहुत अच्छा जवाब आंकड़े दे सकते हैं। इसकी एक बानगी आपको मिल सकती है इस अनुमान से कि पिछले 40 सालों में भारतीय स्टॉक मार्केट ने कितनी वेल्थ क्रिएट की है। गोल्ड, बैंक एफडी तथा पीपीएफ (PPF) एकाउंट जैसे असेट्स से इसकी तुलना करें तो तस्वीर तथा साफ हो जाती है। अगर किसी ने 1982 में एक रुपये का इन्वेस्ट गोल्ड में किया होता तो उसकी वैल्यू आज 30 रुपये 14 पैसे होती। FD की वैल्यू 43 रुपये 64 पैसे होती। वही पैसा अगर PPF खाता में होता तो बढ़कर 48 रुपये 67 पैसे हुआ होता। लेकिन 1982 साल के मुकाबले सेंसेक्स आज करीब 566 गुने पर है।

अकसर यह सुनने में आता है कि स्टॉक्स में इन्वेस्ट के चलते कोई व्‍यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्‍लस फंड ही इन्वेस्ट करें. सरप्‍लस फंड से मतलब कि जो पास आपके खर्चों तथा अन्‍य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है. अगर आपको लाभ होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन अथवा कर्ज लेकर इन्वेस्ट न करें.

स्टॉक मार्केट क्या होता है

स्टॉक मार्केट की स्थापना साल 1875 में की गई थी। स्टॉक मार्केट एवं स्टॉक मार्केट एक ऐसी मार्केट है, जहाँ बहुत सी कंपनीज़ के स्टॉक्स ख़रीदे तथा बेचे जाते हैं। मार्केट के अनुसार कई चीज़ों में फेर बदल तथा उतार चढ़ाव के चलते स्टॉक्स के कीमत भी घटते और बढ़ते हैं जिसके चलते यहां कुछ लोग या तो बहुत पैसा कमा लेते हैं या अअपना सारा पैसा गवा देते हैं। किसी कंपनी का स्टॉक खरीदने का मतलब है तथा आपका उस कंपनी में पार्टनर बन जाना।

जिसके कारण उस कंपनी की Growth तथा उसका मुनाफा आपका फायदा होता है। इस मुनाफे नुक्सान पर हर सेकंड नज़र रखी जाती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाने की तरकीब तथा कम से कम नुक्सान की तर कीब लगाई जाती है।स्टॉक मार्केट में आप जितना भी पैसा लगाएंगे अथवा कहिए कि जितनें भी स्टॉक्स खरीदेंगे उसी के हिसाब से कुछ प्रतिशत के मालिक उस Company के हो जाते हैं। हर Company की अपनी एक मार्केट वैल्यू होती है

जिसके अनुसार ही उनके स्टॉक्स की प्राइस भी निर्धारित होती है। हालांकि यह हर टाइम बदलती है जिसकी वजह ही किसी का फायदा हुआ अथवा नुक्सान कैलकुलेट किया जाता है। यह सारा काम तथा खरीदना बेचना एक नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। Technology में बढ़ोतरी के कारण अब आप अपने घर बैठे भी स्टॉक्स की हल चल जान सकते हैं साथ ही स्टॉक्स की खरीद बेच बेहद आसानी से कर सकते हैं।

स्टॉक्स कब खरीदने चाहिए?

स्टॉक्स कब खरीदने चाहिए

स्टॉक्स खरीदने से पहले आपको इस स्टॉक्स मार्केट का तथा यहाँ के वर्क करने के तरीके का ज्ञान होना आवश्यक है। इस ज्ञान में स्टॉक मार्केट के वर्क करने के तरीके के साथ साथ यहाँ कैसे तथा कब इन्वेस्ट किया जाए तथा कैसी Company में पैसे लगाना आपको लाभ दिलवा सकता है इस सबकी जानकारी शामिल है। जिससे आपको फायदा ना भी हुआ तो आप नुक्सान से बच सकते हैं। जब आपको ये भरोसा हो जाए कि आप इस विषय में सटीक तथा बेहतर जानकारी हासिल कर चुके हैं तभी इसमें इन्वेस्ट का कदम उठाएं।

स्टॉक मार्केट में रिस्क का जोखिम भी है, इसलिए यहाँ तभी इन्वेस्ट करना चाहिए जब आपकी आर्थिक स्तिथि ठीक हो जिससे फ्यूचर में होने वाले नुक्सान से आपको ख़ास फर्क न पड़ें हालांकि ऐसा ज़रूरी नहीं की नुक्सान होना निश्चित है। और अगर आप सोच समझकर इन्वेस्ट करते हैं तो काफी फायदा कमा सकते हैं। जैसे जैसे आपका इस क्षेत्र में नॉलेज तथा एक्सपीरियंस बढ़ेगा वैसे -वैसे आप धीरे धीरे अपने इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने का जोख़िम उठा सकते हैं।

फील्ड का नॉलेज होने के साथ महत्वपूर्ण बातों की अगर बात की जाए तो ये स्किल होना भी अनिवार्य है कि आप Company एनालिसिस बेहतर तरीके से कर पाएं जिससे कंपनी फ्रॉड है अथवा नहीं ये जानने के साथ साथ आपको उसके लाभ लॉस की खबर रहे। कंपनी का ग्रोथ ग्राफ देखकर ही आप उस पर भरोसा कर पाएंगे तथा उसमें अपनी पूंजी लगाने रिस्क उठा पाएंगे जोकि बेहद ज़रूरी है।

1- नियमित इन्वेस्ट – मार्केट में कब तेजी होगी अथवा कब गिरावट इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. तेजी अथवा गिरावट में पैसा लगाने से बचना चाहिए | अगर आप लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं. बल्कि आप नियमित इन्वेस्ट अथवा SIP करते हैं. चाहें वो स्टॉक हो अथवा म्यूचुअल फंड. इस तरह आपकी स्टॉक प्राइज एवरेज होकर सही रेट पर आ जाएगी.

2- पोर्टपोलियों में विविधता- अपने फोर्टफोलियों में विविधता रखें. किसी एक स्टॉक में पूरा पैसा न लगाएं. बल्कि कोशिश करें अलग अलग सेक्टर की मजबूत कंपनियों को पकड़े. जैसे ऑटो, बैंक और आईटी सेक्टर के अच्छे स्टॉक्स को पकड़ें. एक ही स्टॉक अथवा म्यूचुअल फंड में पूरा पैसा न लगाएं.

3-मजबूत कंपनी के शेयर में पैसा लगाए-  अच्छी कंपनी के स्टॉक्स को गिरावट में बेचने की बजाय खरीदें. कुछ समय के लिए अच्छे स्टॉक गिर सकते हैं लेकिन फिर वो रिकवर कर लेते हैं. इसलिए कमजोर या खराब स्टॉक में पैसा न लगाएं.

4- लालच में न आएं- मार्केट में जल्द से जल्द पैसे को कई गुना करने के चक्कर में न आएं. बहुत सारे यूट्यूब चैनल अथवा टिप्स देने वाले आपको तुरंत करोड़पति बनाने का झांसा देते हैं. मार्केट में आपको अपने इन्वेस्ट पर बैंक अथवा दूसरे इन्वेस्ट माध्यमों से ज्यादा इन्वेस्ट मिल सकता है न कि यह जादुई छड़ी है जो आपको कुछ डेली में ही अमीर बना देगा.

5-  एक्सपर्ट से सलाह लें- अगर आप ज्यादा पैसा लगाना अथवा लंबे समय तक इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो किसी मार्केट एक्सपर्ट अथवा जानकारी सलाह लेकर पैसा लगाएं. किसी दोस्त अथवा रिश्तेदार के टिप्स के भरोसे न चलें. बल्कि बहुत सारे ब्रोकरेज हाउस सर्टिफाइड एक्सपर्ट इन्वेस्ट की सलाह देते हैं. ऐसे किसी विशेषज्ञ से ही सलाह लेकर पैसा लगाएं.

स्टॉक मार्केट में पैसे कैसे लगाएं?

स्टॉक मार्केट में पैसे कैसे लगाएं

What is Share Market in Hindi ये जानने के साथ साथ आपको बहुत सी चीज़ों का ध्यान रखने की आवश्यक्ता होती है स्टेप बाय स्टेप बात की जाए तो स्टॉक मार्केट में स्टॉक्स खरीदने के लिए आपको एक डीमैट खाता बनाना पड़ता है। इसके दो तरीके होते हैं। आइए इन तरीको के बारे में विस्तार से जानते हैं-

पहला तरीका 

आप एक ब्रोकर के पास जाकर एक Demat Account Open सकते हैं। मूल रूप से Demat Account में हमारे स्टॉक के पैसे रखे जाते हैं। अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो आपका Demat Account होना बहुत ही ज़रूरी है।

कंपनी को जब लाभ होगा तब अपने आप आपके खरीदे हुए स्टॉक्स की वैल्यू बढ़ेगी। उसी अनुसार अगर आप अपने स्टॉक्स बेचते हैं तथा उससे मिलने वाला राशि चाहते हैं तो वो आपके Demat Account में ही आएगा। फिर अगर आप चाहे तो उस Demat Account से अपने सेविंग्स बैंक खाता में धन अमाउंट ट्रांसफर कर सकते हैं। यह Demat Account आपके सेविंग्स अकाउंट से जुड़ा होता है। डीमैट खाता बनाने के लिए आपका किसी भी बैंक में एक सेविंग्स राशि होना अनिवार्य है तथा सबूत के लिए आपको पैन कार्ड की कॉपी एवं एड्रेस प्रूफ की ज़रूरत पड़ेगी।

दूसरा तरीका

वैसे तो आप किसी भी बैंक में जाकर अपना डीमैट खाता खुलवा सकते हैं। लेकिन एक ब्रोकर द्वारा अपना खाता खुलवाएंगे तो आपको ज्यादा लाभ होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आपको ऐसे अच्छा समर्थन मिलेगा तथा दूसरा आपके इन्वेस्ट के हिसाब से ही वो आपको अच्छी Company सजेस्ट करते हैं जहाँ आप अपने पैसे लगा सकते हैं।

न्वेस्ट आवश्यकताओं की पहचान करें

स्टॉक मार्केट पर इन्वेस्ट करने से पहले, इन्वेस्टर को अपनी जरूरतों तथा सीमाओं का निर्धारण करना चाहिए। आवश्यकताओं का निर्धारण करते समय तथा उपयोगकर्ताओं को वर्तमान एवं साथ ही फ्यूचर की जरूरतों पर विचार करना चाहिए। उनकी सीमाओं का निर्धारण करते समय एक ही नियम लागू होता है। इन्वेस्टर्स को अपनी इनकम को सूचीबद्ध करना चाहिए तथा अपने सभी खर्चों को लोन दायित्वों (यदि कोई हो) के साथ घटाना चाहिए

ताकि इन्वेस्ट योग्य अधिशेष मिल सके। एक महत्वपूर्ण कारक है जो कि स्टॉक बाजार इन्वेस्ट रणनीति का निर्धारण करेगा इन्वेस्टर्स के जोखिम से घृणा है। जो व्यक्ति अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं वे निश्चित जमा एवं ऋणपत्रों में इन्वेस्ट करना पसंद करेंगे। इन्वेस्ट करते समय कई इन्वेस्टर अपनी कर देनदारियों पर विचार करने में विफल रहते हैं।

स्टॉक मार्केट से जुड़े अहम टर्म्स

शेयर बाज़ार से जुड़े अहम टर्म्स नीचे दिए गए हैं-

  • Broker
  • Mutual Fund
  • IPO
  • Demat Account
  • Trading Account
  • Bull
  • Bear
  • Sensex
  • Nifty

क्यों डाउन होती है स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट के डाउन होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिन्हे नीचे दिए गए पॉइंटर्स में विस्तार से बताया गया है। What is Share Market in Hindi जानने के साथ आइए उससे जुड़े इस पहले को भी ध्यान से जानें-

  • किसी भी बड़ी घटना से स्टॉक मार्केट डाउन होने के चान्सिज़ बढ़ जाते हैं। 2020 के स्टार्ट में ही कोरोना वायरस के आने से भारत देश विदेश की हर वस्तु में ही काफी बड़ा बदलाव देखनें को मिला है। जिससे कंज़्यूमर बिहेवियर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है, वहीँ इससे विश्व के लगभग सभी बिज़नेस को काफ़ी नुकसान पहुंचा है, ऐसे में लोग शार्ट टर्म अर्निंग के लिए अपने शेयर को बेच देते हैं। इससे स्टॉक मार्केट डाउन हो जाती है बड़ा उतार व चढ़ाव देखने को मिलता है।
  • फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स , इस ग्लोबल रिस्क एवर्जन के दौरान मुख्य तौर पर एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (ETF) के द्वारा बिक्री की जाती है इससे स्टॉक मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिलती है। आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 में कोरोना काल के चलते लगभग INR 25,000 करोड़ के शेयर को भय के कारण बेच दिया गया था ।
  • अगर कोई कंपनी लिस्टिंग एग्रीमेंट से जुड़ी नियम व शर्त का पालन नहीं करती है, तो उसे सैक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है।
  • किसी कंपनी के ऑर्डर मिलने अथवा छिन जाने, बेहतर नतीजे रहने, प्रॉफिट बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर Company का मूल्यांकन होता है। लिस्टेड Company डेली कारोबार करती है और जिससे उसकी स्थितियों में डेली कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से Company के स्टॉक की कीमतों पर भी असर पढ़ता है।

Sport Level क्या होता है

Sport Level, चार्ट पर दर्शाया जाने वाला वो प्राइस पॉइंट जहाँ ट्रेडर्स स्टॉक्स खरीदने के मामले में मैक्सिमम डिमांड की बहुत उम्मीद रखते हैं। जब भी किसी Company के एसेट की प्राइस गिरती है उसकी वापस उछाल की संभावना बढ़ जाती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा फायदा होने की गुंजाइश बन जाती है। इसी कारण खरीदने वालो संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

स्टॉक मार्केट में घुसने के इच्छुक खरीददार के द्वारा किसी भी एसेट का Sport Level निकाला जा सकता है। अगर ध्यान से देखा जाए तो कीमत पॉइंट के आकार में भी बदलाव देखने को मिलता है तथा यह प्रक्रिया ओवर प्राइज़्ड ट्रेंड्स के हिसाब से होती है। वहीँ इसमें ज्यादा एडवांस्ड वर्जन्स के Sport Level को आईडेंटीफाय करने के लिए दूसरे टेक्निकल इंडीकेटर्स तथा Charting टेक्नीक्स का इस्तमाल भी किया जाता है।

मार्केट में अपना सरप्‍लस फंड ही लगाएं 

अकसर यह सुनने में आता है कि स्टॉक्स में इन्वेस्ट के चलते कोई व्‍यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्‍लस फंड ही इन्वेस्ट करें. सरप्‍लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों तथा ओथेर जरूरतों को सम्पूर्ण करने के बाद बचता है. अगर आपको फायदा होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा इन्वेस्ट करेंगे. कभी भी लोन अथवा कर्ज लेकर निवेश न करें.

स्टॉक मार्केट में करियर तथा स्कोप

सभी फ़ील्ड्स की तरह स्टॉक मार्केट में भी कोर्सिज़ के बाद आपको नौकरी प्रदान करने की आवश्यकता होगी जिसके लिए उसमें आने वाले नौकरी प्रोफाइल्स की जानकारी तथा उसमें सम्मिलित कार्य के बारे में नॉलेज होना आवश्यक है। करियर एवं स्कोप की बात की जाए तो बाज़ार के बारे में सटीक ज्ञान और आपकी स्किल्स आपको इस फील्ड में अलग उचाई तक लेके जा सकते हैं।

What is Share Market in Hindi ये जान्ने के बाद उसमें नियमित ग्रोथ एवं एक्सपीरियंस की भी आवश्यकता होती है जिसके लिए प्रैक्टिकल एक्सपोज़र काफी लाभदायक साबित हो सकता है। आइए आगे मिलने वाली कुछ प्रोफाइल्स और उसमें आने वाले कामों पर एक नज़र डालते हैं-

इन्वेस्ट रणनीति निर्धारित करें

व्यक्तिगत इन्वेस्ट क्षमता को समझने के बाद, इन्वेस्टरों को उचित इन्वेस्ट रणनीति तैयार करने के लिए स्टॉक मार्केट परिदृश्य का विश्लेषण करना चाहिए। व्यक्तियों को उन स्टॉक्स की पहचान करनी चाहिए जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई इन्वेस्टरों इनकम का एक अतिरिक्त स्रोत चाहता है, तो लाभांश का भुगतान करने वाले स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना उचित है। जो अपनी पूंजी बढ़ाना चाहते हैं उन निवेशकों के लिए, विकास स्टॉक्स चुनना एक सटीक रणनीति है।

कैपिटल बाजार स्पेशलिस्ट

इस जॉब में आपका कार्य बाजार में उभरते ट्रेंड्स पर नज़र रखने के साथ स्टॉक मार्केट में पूंजी इन्वेस्ट (कैपिटल मैनेजमेंट) संबंधी सलाह देना है। इस तरह की जानकारी रखने वाले व्यक्ति म्यूचुअल फंड्स तथा फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट से जुड़ी कम्पनीज में कार्य करते हैं।

शेयर ब्रोकर

स्टॉक ब्रोकर एवं कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट का काम स्टॉक्स की खरीद एवं बिक्री के बारे में सलाह देना होता हैं। वैसे इस तरह का मश्वरा ब्रोकिंग कम्पनीज भी प्राप्त करती हैं। ऐसी कम्पनीज में मुख्यतः फाइनैंशियल एनालिस्ट, अकाउंट्स, इकोनॉमिस्ट तथा इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट सहित कई अन्य प्रोफेशनल्स कार्य करते हैं।

सिक्योरिटी एनालिस्ट

सिक्योरिटी एनालिस्ट का काम आमतौर पर कॉमर्स ग्रेजुएट अथवा फिर इकोनॉमिस्ट करते हैं। इनका काम एडवाइज़र के रूप में इंश्योरेंस कंपनीज़, ब्रोकरेज फर्म तथा टॉप की फाइनैंशियल कंपनीज़ में बाजार की सही जानकारी देना होता है।

पोर्टफोलियो की निगरानी करें

कई निवेशक इन्वेस्ट की गलती करते हैं तथा टाइम-टाइम पर अपने इन्वेस्ट पोर्टफोलियो की जांच नहीं करते हैं। स्टॉक मार्केट गतिशील है तथा शर्तें लगातार बदल रहती हैं। अपने इन्वेस्ट को नियमित रूप से जानना सही टाइम पर बाहर निकलने एवं प्रवेश करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन कम्पनीज के बारे में शोध करना जहां व्यापारियों के पास रुचि है,

किसी भी चरम स्थिति के मामले में रोकने, अथवा कम से कम कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि अथवा इसका मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक मूल्य वृद्धि अथवा गिरावट के साथ निर्णय लेना क्योंकि धैर्य व्यापारियों के लिए शेयर इन्वेस्ट के माध्यम से फायदा के लिए एक महत्वपूर्ण विशेषता है।

स्टॉक मार्केट क्रैश क्या होता है

स्टॉक मार्केट में क्रैश का होना उसके भाव में काफी बहुत तेजी से गिरावट होने को कहते हैं। इसका सबसे बड़े कुछ कारणों में Company का बेकार प्रदर्शन एवं उसके भविष्य में नुकसान होने की आशंका आदि हैं। कई बार लोगों में किसी शेयर के लिए भरोसा हो जाता है, जिससे उसके दाम काफी बढ़ोत्तरी होने लगती है, एवं जब लोगों का भरोसा उससे जाता है, तो उसके दाम में भी बहुत गिरावट हो जाती है एवं इन्वेस्ट करने वालों के लाखों करोड़ों रुपये डूब भी जाते हैं।

कई सारे क्रैश में कुछ सबसे बड़े क्रैश 1929 में वाल स्ट्रीट क्रैश, 1973-4 का क्रैश, 1987 का ब्लैक मंडे आदि हैं, जिसने लाखों लोगों पैसा डूबा दिया था।

सही टाइम पर दाखिल हों

सही टाइम पर मार्केट में प्रवेश करना स्टॉक मार्केट की सबसे महत्वपूर्ण मूल बातों में से एक है जो अक्सर इन्वेस्टरों द्वारा अनदेखी की जाती है। सबसे कम प्राइस के स्तर पर पहचान किये गये स्टॉक्स की खरीद संभावित फायदा को बढ़ा देगी जो इन्वेस्टर कमा सकते हैं। दूसरी ओर, स्टॉक को बाहर निकालना जब यह उच्चतम प्राइस पर व्यापार कर रहा हो लाभदायक है।

निष्कर्ष

इस लेख What is Share Market in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है. इस प्लान को What is Share Market in Hindi ’ कहते हैं तथ इसका नंबर 936 है. आपको यह लेख कैसा लगा अपने सुझाव कमेट कर के बताएं एवं इसे अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करें.

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