What Is Swing Trading : यदि आपने शेयर ट्रेडिंग के विभिन्न ऑप्शन्स का पता लगाना स्टार्ट कर दिया है, तो Swing Trading करना सीखना आपको एक लंबा रास्ता तय करने में सहायता करेगा। Swing Trading सबसे लोकप्रिय ट्रेडिंग स्टाइस में से एक होता है, जहां ट्रेडर्स technical Analysis पर अपने ट्रेडिंग निर्णयों को आधार बनाते हैं। इस आर्टिकल में, हम ट्रेडर्स द्वारा बाजार में जीतने वाली डील की खोज के लिए प्रचलित सामान्य स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियों का अध्ययन करेंगे।
इससे पहले कि हम विभिन्न स्विंग ट्रेडिंग तकनीकों के गुणों पर चर्चा करना शुरू करते है, आइए बहुत जल्दी से पढ़ें कि Swing Trading क्या होती है।
स्विंग ट्रेडर्स कम टाइम सीमा में परिसंपत्ति मूल्य परिवर्तन से फायदा कमाने की कोशिश करते हैं। वे थोड़े टाइम में पैटर्न, प्रवृत्ति एवं संभावित परिवर्तन की पहचान करने के लिए मूल एवं technical Analysis का उपयोग करते हुए, मार्केट के Trade पर अपने निर्णयों को आधार बनाएंगे।
डील करने से पहले दिन एवं कभी-कभी हफ्तों की तरह, Swing Traders को छोटी अवधि के लिए इन्वेस्ट किया जाता है। वे दिन Traders की तरह मार्केट के रुझान का पालन नहीं करते हैं, लेकिन वे Trade लाइन में बदलाव की पहचान करने एवं स्थिति को विपरीत मोड़ लेने से पहले बाजार से बाहर निकलने में तत्पर होते हैं। यह वे Swing Trading तकनीकों का यूज़ करके करते हैं।
Swing Trading In Meaning
जब आप “Swing Trading” शब्द का यूज़ करते हुए किसी को सुनते हैं, तो आपको जानने की ज़रूरत है कि यह डिलीवरी Trading का एक छोटा फॉर्मेट है, जिसमें एक छोटे समय पीरियड की रेंज में ट्रेडिंग की जाती है।
बहुत सारे ट्रेडर्स इसे इंट्राडे Trading फॉर्मेट समझकर कंफ्यूज़ हो जाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडिंग दिन के फिनिश होने से पहले सभी पोजीशन को बंद कर दिया जाता है, जबकि स्विंग ट्रेडिंग में पोजीशन को कम से कम रात भर के लिए रखा जाता है और कुछ दिनों से कुछ सप्ताह तक बढ़ सकता है।
Swing Trading में सफल होने के लिए ट्रेडर, तकनीकी तथा मौलिक विश्लेषण दोनों का यूज़ करते हैं।
शेयर के तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कीमत Movement का अनुमान लगाने एवं उन स्टॉक्स का पता लगाने के लिए किया जाता है जिनमें कम टाइम में बड़े प्राइस Movement की क्षमता होती है।
जब हम स्टॉक्स के मौलिक एनालिसिस के बारे में बात करते हैं, तो इसका यूज़ शेयरों के आंतरिक कीमत का आकलन करने के लिए किया जाता है।
यदि आप अपने इन्वेस्ट के लिए स्टॉक्स का विश्लेषण एवं सेलेक्ट करने में सफल होना चाहते हैं, तो इस मूल बहुत अंतर को ध्यान में रखें।
तकनीकी एवं मौलिक विश्लेषण दोनों के आधार पर, स्विंग ट्रेडर, शेयर अथवा सिक्योरिटीज को चुनते हैं जो कम से कम जोखिम के साथ उन्हें शॉर्टटर्म अथवा मध्यवर्ती अवधि के आधार पर अधिकतम रिटर्न बैक दे सकते हैं, खासकर जब प्रिंसेस औसत के पास वापस आती हैं अथवा एक रैली ख़त्म हो चुकी होती है।
Swing Trading रणनीति क्या होती है?
Swing Trading को इसका नाम मिला क्योंकि यह प्राइस में दोलन अथवा स्विंग्स से फायदा उठाने की कोशिश करता है, अथवा तो ऊपर या नीचे की ओर होता है। Swing Trading दिन Trader की तरह टेक्निकल ट्रेडिंग टूल की एक सरणी का यूज़ करते हैं, केवल उस अवधि के लिए जो स्थिति Trading के करीब होती है।
Swing Trading रणनीति बनाने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे लोकप्रिय ट्रेडिंग साधनों का यूज़ करते हैं। इसके अलावा, ट्रेडर्स कई दिनों के Chart जैसे उभरते पैटर्न पर भी कड़ी नजर रखते हैं,
- 1. हेड तथा शोल्डर्स
- 2. फ्लैग पैटर्न
- 3. कप और हैंडल पैटर्न
- 4. ट्रायंगल पैटर्न
- 5. मूविंग एवरेज क्रॉसओवर
स्विंग ट्रेडिंग कब आया था
दिन ट्रेडिंग एवं Swing Trading के बीच का मुख्य अंतर इसके समय से होता है । Swing Trading एक दिन अथवा कई हफ़्तों तक जारी रह सकती है। स्विंग ट्रेडर्स ट्रेड स्टार्ट करने से पहले एक पैटर्न के आने का इंतज़ार करते हैं। ये पेशेवर Traders नहीं हैं; इसके बजाय, वे उभरते ट्रेंड तथा ट्रेड की पहचान करने के लिए मूलभूत तथा टेक्निकल एनालिसिस दोनों को एक साथ मिला देते हैं। वे कम टाइम के भीतर अधिकतम फायदा क्षमता वाले शेयर को ढूंढेंगे। इसमें जोखिम बहुत ज़्यादा होते हैं लेकिन फायदा पाने के मौके भी ज़्यादा ही होते हैंहैं।
हम निम्नलिखित प्रमुख विशेषताओं के साथ Swing Tradingको तथा ज़्यादा आसानी से समझ सकते हैं।
- Swing Trading , ट्रेंड Trading तथा दिन Trading के बीच का तरीका है। कभी-कभी स्टॉक मार्केट की स्थिति सही होने से 2-3 हफ़्ते पहले स्विंग Trade जारी रह सकता है
- स्विंग ट्रेडर्स स्क्वेयरिंग ऑफ़ करने से पहले कम से कम एक नाईट पहले अपनी पोज़ीशन Hold करेंगे
- स्विंग ट्रेडर्स फायदा की क्षमता वाले स्टॉक की पहचान करने के लिए मूलभूत एवं तकनीकी विश्लेषण दोनों को एक साथ मिलाते हैं
- आमतौर पर, मूलभूत ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स होते हैं क्योंकि आमतौर पर कॉर्पोरेट न्यूज़ को शेयर बाजार ट्रेंड को प्रभावित करने में कम से कम एक हफ़्ते का टाइम लगता है
Swing Trading कैसे कार्य करती है?
शुरुवात में हमनें समझा की Swing Trading क्या है। अब बात करते हैं की Swing Trading कैसे कार्य करती हैं।
स्विंग ट्रेडर किसी भी शेयर में Swing Trading करने के लिए सबसे पहले निम्न केंद्र का एनालिसिस करता हैं –
- मार्केट ट्रेंड
- स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव
- ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न
इन सबके अलावा Trader यदि आवश्यकता हो तो शेयर Fundamental Analysis भी करता हैं।
मान लीजिये रॉकी ने स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया स्टॉक प्राइस में ₹530 के प्राइस पर स्टॉक ख़रीदे एवं अपनी Swing पोजीशन बनाई।
लगभग एक महीने के बाद State Bank Of India के स्टॉक की प्राइस बढ़कर ₹600 हो जाती हैं। रॉकी इस कीमत पर अपने स्टॉक बेचकर लाभ कमा लेता हैं। इस प्रकार रॉकी ने जो ट्रेडिंग की उसे Swing Trading कहा जाता हैं। यदि रॉकी अपने स्टॉक्स एक वीक में भी बेच देता तो भी ये ट्रेडिंग Swing Trading ही कहलाती।
जैसे की स्विंग ट्रेडिंग डिलीवरी बहुत अच्छा ट्रेडिंग होती हैं इसलिए इसमें वही ब्रोकरेज लगती हैं जो की डिलीवरी transaction में लगती हैं। Swing Trading में स्टॉक्स , ETF तथा अन्य सिक्योरिटीज में Trading की जा सकती हैं।
Swing Trading करने के लाभ क्या है?
Swing Trading करने के निम्नलिखित लाभ है
- Swing Trading में स्टॉक्स को कुछ दिनों अथवा कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिए Introde की तुलना में लाइव शेयर मार्केट में ज्यादा टाइम रहने की जरूरत नहीं होती है.
- Swing Tradingग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
- Swing Trading जॉब अथवा व्यापर करने वाले लोगो के लिए बहुत अच्छा होता हैं.
- Swing Trading में छोटे-छोटे रिटर्न्स वर्ष में एक अच्छा रिटर्न बैक भी बन जाता है.
- इंट्राडे की तुलना में Swing Trading करना बहुत आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ Techincal Analysis आना चाहिए.
- इंट्राडे की तुलना में Swing Trading में स्ट्रेस लेवेल कम होता है.
Swing Trading के नुकसान
आपको टेक्निकल एनालिसिस में पारंगत होना चाहिए इससे आप अपने ट्रेड लिए अतिरिक्त कार्य करते हो ऐसा करने से आप एक Chart पर प्रवृत्ति को बता सकते हो कि टाइम के साथ निचले बाएं से ऊपरी दाहिनी ओर क्या हलचल होगी।
लेकिन यदि आपको टेक्निकल एनालिसिस नहीं आता है फिर भी Swing Trading करना चाहते हो तो कम से कम आपको प्रवेश तथा निकास बिंदुओं की पहचान करनी आनी चाहिए
यदि तुम को बहुत कुछ भी नहीं पता है तो Swing Trading आपके लिए थोड़ी जोखिम भरी साबित हो सकती है अथवा आपको Swing Trading में बहुत ज्यादा टाइम देने की जरुरत है
इसमें आपको एक ही दिन में सौदा फिनिश करना होता है यदि तुम Swing Trading के थोड़े से भी जानकार है तो आपको इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं होगी यदि तुम बिलकुल नए है तो आपको थोड़ी सी प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है
आपको मार्किट क्लोज होने से पहले अपने सौदे को फिनिश करना होता है यदि आप ऐसा नहीं करते है तो ब्रोकर आपके सामान को सेंड देगा
यदि आप Swing Trading करते है तो आपको अलग तरह से सोच हैं की जरुरत होती है तब जो भी तुम निर्णय लेते है उसे रीचेक जरूर करे। Swing trader को दूसरे व्यापारी की तुलना में बहुत ज्यादा एग्रेसिव होना चाहिए जो केवल चार्ट का अध्ययन करता है।
Swing Trading कैसे करे?
सुपोर्ट और रेसिसिटेंस: Swing Trading में सुपोर्ट और रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये तुम भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद स्टॉक्स ख़रीदे एवं रेजिस्टेंस पर Breack Down पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: एक Swing Trader ऐसे स्टॉक्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो तथा उस खबर के कारण वह शेयर किसी एक दिशा में Breack down देने की तैयारी में हो तथा Breack Down दे चुका हो, वह खबर बुरी अथवा अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है न्यूज़ अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ Breack Down होगा, नहीं तो नीचे की तरफ Breack Down होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: Swing Trading के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity स्टॉक्स को चुनना होता है इसके अलावा स्टॉक में एंट्री तथा एग्जिट के लिए MACD, ADX एवं Fast Moving Average का उपयोग किया जा सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग में कितनी रिस्क होती हैं?
जहां पर भी बात Short term trading की आती हैं वहां Risk जरूर होती हैं। स्विंग ट्रेडिंग में आमतौर पर gap रिस्क शामिल होती है। अगर शेयर मार्केट के बंद होने के बाद स्टॉक मार्केट के लिए कोई अच्छी खबर आती हैं तो अगले दिन शेयर मार्केट की कीमत मार्केट खुलने के साथ ही बढ़ सकती हैं।
वही अगर इसका उल्टा होता हैं यानि की स्टॉक मार्केट के क्लोज होने के बाद कोई बुरी न्यूज़ आती हैं। तो इस स्थिति में मार्केट खुलने के साथ ही शेयर की कीमत में भारी गैप डाउन देखने को मिल सकता हैं। इस प्रकार की Risk को ओवरनाइट रिस्क भी कहा जाता हैं।
Canclusion
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इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद…
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प्रश्न : Swing Trading कितने दिनों के लिए किया जाता है?
उत्तर : Swing Trading का मतलब शार्ट टर्म Trading जैसे कि किसी स्टॉक को अगर आप आज खरीदते हैं तथा उसे 2 से 4 दिन अथवा 1 सप्ताह में बेच देते हैं तो इसे Swing Trading कहते हैं. इस में लगने वाला टाइम लगभग 2 से 7 दिन का होता है. इसलिए इसे Short Term भी कहा जाता है.
प्रश्न : Swing Trading के लिए कितना पैसा मिलता है?
उत्तर : इंडिया में Swing Trading के लिए न्यूनतम फंड की कोई न्यूनतम आवश्यकता नहीं है। आप 10,000 रुपये भी इन्वेस्ट कर सकते हैं तथा 50,000 रुपये तक जा सकते हैं । हालाँकि, आप यह सुनिश्चित करना चाह सकते हैं कि आपके पास उस मात्रा में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त Liquid Fund है
प्रश्न : Swing Trader एक वर्ष में कितना कमाते हैं?
उत्तर : उदाहरण के लिए वर्क फ्रॉम होम Swing Trading नौकरियां $36,216 के औसत Swing Trading पेमेंट से $48,212 (133.1 प्रतिशत) अधिक पेमेंट करती हैं।